न वो आये, न उनका खत, न किसी पैगाम का अंदेशा... न वो आये, न उनका खत, न किसी पैगाम का अंदेशा...
कोई तो है जो हर बात की हमारी खबर रखता है कोई तो है जो हम को अपनी उंगलियों पे नचाता है, कोई तो है जो हर बात की हमारी खबर रखता है कोई तो है जो हम को अपनी उंगलियों पे ...
विज्ञान के साथ साथ , साहित्य के आस पास , सांसों के संग में , जीवन के मन में , और क् विज्ञान के साथ साथ , साहित्य के आस पास , सांसों के संग में , जीवन के मन...
हर रोज कुछ न कुछ दर्द दे ही जाते हो। हर रोज कुछ न कुछ दर्द दे ही जाते हो।
चांद भी फीका है उजालो भरी कोई रात नहीं गम भरी जिंदगी में खुशी वाली कोई बात नही। चांद भी फीका है उजालो भरी कोई रात नहीं गम भरी जिंदगी में खुशी वाली कोई बात नह...
ये रात औऱ है,औऱ वो रात औऱ थी.... ! ये रात औऱ है,औऱ वो रात औऱ थी.... !